प्यार् 💓

               "प्यार् कबि मरता नहि 
          प्यार् कवि किसि से डरता भि नहि"
            "pyar kabi marata nahi
        Pyar kabi kisi se darata bhi nhi"

love shayari प्रेम सायरी

एक गाउँका लड्का प्यार् करने बैठा हु
तेरे लिए जब चाए जिने मरने बैठा हु
मुझे खुद भि पता नहि बता देना जरा 
दिवाना हु लेकिन तेरे लिए अछा बुरा कैसा हु

"ek gaukaa ladkaa pyar karane baitha hu
Tere liy jab chae jine marne baitha hu
Mujhe khud bhi pata nahi bata dena jara
Diwana hu lekin tere liy achha bura    kaisa hu"

अन्धा प्यार्

"प्यार् अन्धा होता है सुना था देखा नहि"
  जब से तु मिलि आज भि दिल मे तु है"
   एहि तो होगा अन्धा प्यार्
 दिलमे किसि दोसरे का नाम लेखा नहि"

गरिब लड्का अमिर लड्कि

गरिब होना मेरा कसुर प्यार कर्ना तेरा कसुर
बाकी दुनियाँ तो हात धो के पिछे पडि थि 
न प्यार् मिला न दिल सलामत है आज मेरा
कोहि सुनेगा नहि कोहि सम्झेगा नहि 
ऐसि मेरि हालत है किसे क्या बताउ हे हजुर्💔

 अक्सर प्यार् कर्ने वाले बिच मे हि छुटजाते है गरिबी के कारण, अजिब है ए दुनियाँ  
मै आपको आज हामारी समाज के कहि घटना मे से एक घटना जो मेरे गाउँ से लगभग पाँच किलोमिटर दुरि के गाँव में घटी थि वहि कहानी आपको सुनाता हु, एक लड़का था आशिष् नामका जो बहुत ही गरीब था।उसकी गरीबी के बावजूद, उसका दिल एक अमीर लड़की के प्यार में खो गया। उस लड्कि का नाम था जमुना जो गाउँ मे  सबसे अमीर लड़की थी। लड्की भि दिल वाली थि तो दोनो कि एक आपस मे प्यार् होगया ओर ए बात धिरे धिरे गाउँ वालेको पता चलि पर लड्की के माता-पिता उसके प्यार को मानने को तैयार नहीं थे क्योंकि आशिष् गरीब था।
आशिष् ओर जमुना का प्यार पर्वत की चोटियों की तरह अटल था, लेकिन उनके बीच की गहरी आर्थिक और सामाजिक दीवारें उनके प्यार को असफल बना रही थीं। उन्होंने हर कोशिश की अपने प्यार को सच करने की, लेकिन उनके पास वह सामर्थ्य नहीं था जो उनकी योजना को सफल बनाता।
अंत में, उन्हें अपने प्यार को त्याग करना पड़ा। लेकिन उन्होंने समझा कि यही सही था। आशिष् की गरीबी ने उनकी प्यार की कहानी को असफल बना दिया, लेकिन उनका प्यार फिर भी उनके दिल में जीता रहा। लड्का गाउँ छोडकर सहर चलागया वहि से बिदेश चलागया लगभग बिदेश मे पाँच साल रहने के वाद गाउँ वापस आया तबतक सबकुज बदलचुका था लड्की भि गाउँ से कहि दुर चलि गई थि  ओ दोनो मिल नहि पाए पता नहि क्या हुवा था लड्का एकदिन बन्द कमरे मे  खुद खुसी करते हुए मिला उसकी किस्मत मे जिना लेखा था इसलिए उसके दोस्तो ने उसकि ज्यान बचालिया कुज दिन गाउँ मे रहने के वाद उसकी सोच बदलिँ ओर लड्का  फिर से बिदेश चलागया अब व दोनो दोबारा मिलेङ्गे या नहि पता नहि लेकिन जो प्यार् था उनके बिच मे उन दोनो को जिन्दगी भर चैन से जिने नहि देगि। आज हामे समाजको सहि दिशा पे लेने कि जरुरत है आनेवाले दिनो मे ऐसि घटना ना घटे।
गरिबी के कारण किसिकी भि प्यार् नहि छुट्नी चाहिए हर इन्सान को दौलत नहि दिल देखकर दोसरे से बेबाहार करनी चाहिए🙏

गरिबि

 "गरिब होना गुना है तो हे खुदा

  मुझे भि अमिर बना दे जरा 

  अपना पराई सब रुठे मुझ से

 आज तो मेरि प्यार् भि रुठी है मुझ से

    गरिबी होने के खातिर

 हे खुदा चाए  मुझ को इसि हाल मे छोड्दे

   लेकिन उसे तो मना दे जरा"




तेरा प्यार्

आज भि यहाँ तेरे ख्वाबों में खोया हूँ,
तेरी यादों में जला हूँ।
बताउ किसे मनकी बात
तेरी हंसी की मीठी आवाज  में,
मैं अपना सब कुछ गवां हूँ।

धोका

"जिसको हामने पुरी जिन्दगी हाजिर करदी थि उस हि ने आज हामको लुटके चलागया" जिसके लिए हामने भारी सभा तैनाथ करदी थि उसिको क्या पसन्द नहि आया पता नहि आज बिन बाताए हामसे रुठ के चलागाया"