" ए दिल क्या कर बैठा हे तु
ना कर ऐसि जित उसे पाने के लिए
" बात औकात कि होति हे आजकल
क्या हे तेरे पास कहने के लिए"
"दिल मिले तो अलग बात हे
नहि तो गङ्गा भि किनार को कुचल्ति हे
खुद को बहने के लिए"
"a dil kya kar Baitha hen tu
na kar aisi jit ushe pane ki liya"
baat aukat ki hoti hen aajkal
kya hen tere pas Kahane k liya"
"dil mile toh alag bat hen
nahi toh ganga bhi kinar ko kuchalti hen
khud ko bahane k liya"
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